Tuesday 2 August 2016

Dr. B.N. Vishwakarma, Patna, Bihar - a life devoted to society and culture (डॉ. बी. एन. विश्वकर्मा, पटना, बिहार - समाज और संस्कृति को समर्पित जीवन)


पिताश्री का वरदान

मेरा साहस मेरी इज्जत 
मेरे मान-सम्मान हैं पिता
B.N. Vishwakarma
मेरी ताकत मेरी पूँजी
मेरी पहचान हैं पिता
घर के ईंट दरवाजों में 
शामिल उनका खून-पसीना 
सारे घर की रौनक उनसे 
सारे घर की शान हैं पिता
मेरा साहस मेरी इज्जत 

मेरे मान-सम्मान हैं पिता
मेरी इज्जत मेरी शोहरत 
मेरा रुतबा मेरे मान हैं पिता 
मुझको हिम्मत देने वाले 
मेरा अभिमान हैं पिता
सारे रिश्ते उनके दम से 
सारी बातें हैं उन से 
सारे घर के दिल की धड़कन 
सारे घर की जान हैं पिता 
शायद रब ने देख कर भेजा 
फल ये अच्छे कर्मों का 
उसकी रहमत उसकी नेमत 
उसके वरदान हैं पिता 
मेरा साहस मेरी इज्जत 
मेरा मान-सम्मान हैं पिता.
........
(-डॉ. बी. एन. विश्वकर्मा) पटना, बिहार
मोबाईल- 7301691650



नौ जनवरी उन्नीस सौ तिरपन को प्रो.(डॉ.)बी.एन.विश्वकर्मा ने पटना विश्वविद्यायालय से वर्ष 1978 में रसायनशास्त्र से स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की. उसके बाद रसायन शास्त्र में अनुसंधान कर 1986 में पी.एच.डी.की डिग्री हासिल की. वर्ष 1988 में मगध विश्वविद्यालय के अंतर्गर डिग्री कॉलेज में व्याख्याता के पद पर नियुक्त हुए. पटना (बिहार) के निवासी डॉ.विश्वकर्मा बिहटा(पटना) स्थित डिग्री कॉलेज में रसायन शास्त्र विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के पद से सेवा-निवृत हुए. सन 1974 के छात्र आंदोलन में सक्रिय लोगों में से एक हैं. इन्हें उस दौरान कई समाजवादियों का सानिध्य मिला. साथ में फणीश्वर नाथ 'रेणु' एवं काशीनाथ पाण्डेय जैसे साहित्यकारों के सानिध्य में रह कर साहित्य के प्रति आकर्षण बढ़ा.  वर्ष 1995 के बाद से प्रो. विश्वकर्मा हिन्दी साहित्य से ज्यादा सक्रियता के साथ जुड़ गये. आलेख, कविता,समीक्षा, यात्रा-वृतांत लिखना शुरु किया. पत्र-पत्रिकाओं में रचानाएँ छपी और आकाशवाणी, दूरदर्शन से भी उनका प्रसारण हुआ. इनके दो काव्य-संग्रह प्रकाशित हुए हैं. पहला वर्ष 1999 में 'हरियाली और मुस्कान' तथा दूसरा वर्ष 2002 में 'धूल फाँकती जनता'. तीसरा कविता-संग्रह 'कब बनेगी कविता अन्नपूर्णा' प्रकाशनार्थ तैयार है. प्रो. विश्वकर्मा को 1995 में दिल्ली में डॉ. अम्बेदकर साहित्य पुरस्कार, वर्ष  2002 में हरिद्वार में कादम्बिनीश्री पुरस्कार, वर्ष 2002 में पटना में 'साहित्यसेवी पुरस्कार' भी मिले हैं. वर्ष 1999 में प्रो. विश्वकर्मा की अध्यक्षता में मंगलम कला-साहित्य परिषद,पटना (बिहार) का गठन हुआ. वर्ष 1992 में प्रयाग हिन्दी विश्वविद्यलय से हिन्दी भाषा में विद्यावाचस्पति की डिग़्री भी प्राप्त की.
-प्रो.(डॉ.) बी.एन. विश्वकर्मा,
एम.एस.सी., पी.एच.डी, एल.एल.बी.
आवास- आर.के. भट्टाचार्या रोड, पटना-800001 (बिहार)
मोबाइल -9122720241, 7033585595
Read more poems of Dr. B.N.Vishwakarma. Click the link http://creativeskyofbihar.blogspot.in/2016/08/daughters-beti-poems-by-dr-b-n.html


12.4.84- Rajbhawan Patna-President H.E. Gyani Jail Singh


2009-Book Fair- Lokarpan


26.1.14 RBI colony, Patna kavya path

1997- Hyderabad- Vishwakarma conference

With eminent Hindi writer Khagendra Thakur in 1987 at Patna

09.06.2012- Vishwakarma conference at Lukhnow



Group Mariiage in Harda (MP)



1997- Hyderabad- Felicitation of Dr. Vishwakarma
+

With eminent poet of India, Arun Kamal at Patna

Kraft Bazar, 2010 - Dr. Vishwakarma with then Dy Speaker of Bihar Legistative Courcil Virendra Chaudhary

Visiting Omkareshwar Mandir, MP

Kavya Path in RBI Colony, Patna

On Dr. Vishwakarma's  63rd birthday in 2016 with Raghvendra Kushwaha
On Dr. Vishwakarma's  63rd birthday in 2016 with Raghvendra Kushwaha


Certificate awarded to Dr. Vishwakarma for Social Service in Bihar


Poem presented by Yogendra Mishra on 63rd birthday of Dr. Vishwakarma


तुलसी जयंती के अवसर पर पटना के अख़बारों में प्रकाशित प्रो. विश्वकर्मा के फोटो और समाचार.

तुलसी जयंती के अवसर पर पटना के अख़बारों में प्रकाशित प्रो. विश्वकर्मा के फोटो और समाचार.































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