रक्षा-बंधन
देवासुर संग्राम
में जब देवता रहे थे हार
वृहस्पति ने तब
दिया उन्हें एक उपहार
बाँध कलाई पर
रक्षा-कवच किया इंद्र का वंदन
श्रावण-पूर्णिमा
को शुरू हुआ यह पर्व रक्षा-बंधन
फिर द्रौपदी ने
कृष्ण को बाँधा रक्षा-बंधन
द्रोपदी की लाज
बचाने आये देवकी-नन्दन
चाँद बीवी,
महाराणा प्रताप, रमजानी- आलमसानी
भाई बहन के प्रेम
की यह है अमर निशानी
बहन की रक्षा के
लिए भाई देता है कुर्बानी
रक्षा-बंधन
त्यौहार की यह है पवित्र कहानी.
(-डॉ. बी.एन.
विश्वकर्मा)
पटना, मोबाइल- 9122720241
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प्यारी छोटी बहना
प्यारी छोटी बहना
ओ मेरी प्यारी
छोटी बहना
है गाँव-घर का तू
गहना
मानती है सबका
कहना
गलत काम कभी न
करना
मेरी है एक की
इच्छा
पढ़-लिख कर तुम
बनो अच्छा
जब बड़ी तू हो
जाएगी
हमें छोड़ दूसरे
घर जाएगी
हम सब देंगे
तुम्हें आशीर्वचन
मुख पर रहे
मुसकान खुश रहे मन
कभी भी न तू रोना
धोना
ओ मेरी प्यारी
छोटी बहना.
(-डॉ. बी.एन.
विश्वकर्मा)
पटना, मोबाइल- 9122720241
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